शरद पवार के इशारे पर चल रही उद्धव सेना, शिंदे समर्थक 12 विधायकों को अयोग्य घोषित करने विधानसभा उपाध्यक्ष को चिट्ठी भेजी
शिवसेना नेता संजय राउत भी एक बार कह चुके हैं कि पवार को समझने के लिए आपको 100 जन्म लेने पड़ेंगे। एक बार फिर शरद पवार महाविकास आघाड़ी सरकार को बचाने मैदान में उतार चुके है। ऐसे में सियासी हलकों में ये भी चर्चा काफी जोर पकड़ती जा रही है कि क्या सच में शरद पवार अपने इशारों पर उद्धव ठाकरे सरकार को चला रहे थे। और इसी कारण आज शिवसेना के शिंदे समेत लगभग 80 प्रतिशत विधायक उनके और उनकी आघाड़ी सरकार के खुलकर खिलाफ हो गए है।
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वीडियो में देखे गुवाहाटी की होटल रेडिसन ब्लू में बढ़ती जा रही विधायकों की संख्या समर्थकों की क्लास लेते एकनाथराव शिंदे
शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा उपाध्यक्ष को अपनी पार्टी शिवसेना के 12 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए चिट्ठी भेजी है। चिट्ठी में बताया गया है कि ये विधायक पार्टी के व्हिप के बावजूद बैठक में उपस्थित नही हुए थे। शिवसेना को उम्मीद है कि इस पर जल्द फैसला उनके पक्ष में आएगा।
Maharashtra political crisis: शिवसेना के नंबर दो नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे की एमवीए सरकार संकट में आ गई है। हालांकि इधर महा विकास अघाड़ी सरकार को बचाने की लगातार कोशिश की जारी है क्योंकि अब खुद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार अपनी महाविकास आघाड़ी सरकार को बचाने के लिए मैदान में उतर आए है और उन्होंने खुल कर कहा है कि वह सरकार बचाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। इसके बाद उन्होंने अब सरकार को बचाने की कमान उद्धव ठाकरे के स्थान पर अपने हाथों में ले ली है और इसका असर दिखने भी लगा है। वहीं इसी बीच शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा उपाध्यक्ष के पास चिट्ठी भेजी है। जिसमें अपनी पार्टी के 12 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्य ठहराने की अपील की गई है। पवार अब शिवसेना के शिंदे गुट को कमजोर करने में लग गए है। बुधवार को जिस प्रकार उद्धव ठाकरे आधिकारिक सीएम आवास से समान समेट कर मातोश्री लौटे थे और उसके बाद संजय राऊत ने भी अपने बयान में एमवीए से अलग होने के खुले संकेत दिए थे। ऐसे में शिवसेना के अचानक शिंदे गुट पर आक्रामक होने को शरद पवार की पॉलिटिक्स का हिस्सा माना जा रहा है। शिवसेना ने इससे पहले शिंदे को विधायक नेता पद से हटाने की अपील की थी जो मान ली गई थी। अब अगर विधानसभा उपाध्यक्ष शिवसेना की यह अपील भी स्वीकार कर 12 विधायकों को अयोग्य घोषित करते है तो ऐसे में मामले के कोर्ट पहुंचने के आसार नजर आ रहे है।
एकनाथ शिंदे के वीडियो में 42 विधायक मौजूद
उधर एकनाथ शिंदे पहले ही दलबदल विरोधी कानून का उल्लंघन किए बिना विधानसभा में शिवसेना को विभाजित करने के लिए आवश्यक 37 विधायकों की महत्वपूर्ण संख्या से ऊपर पहुंच चुके हैं। इस बीच खबर यह भी है कि शिवसेना के तीन और विधायक बागी खेमे में शामिल हो गए हैं। जिससे शिंदे गुट को और मजबूती मिल गई है। गुरुवार को शिंदे समर्थक विधायकों के कुछ वीडियो भी गुवाहाटी की होटल रेडिसन ब्लू से जारी हुए थे। जिसमे पहले 42 विधायक मौजूद थे। वहीं देर रात वहां कुछ अन्य शिवसेना और निर्दलीय विधायकों के पहुंचने की खबर आ रही है।
सरकार के साथ ही पिता की विरासत बचाने का संकट
उद्धव ठाकरे के पास इस वक्त न सिर्फ अपनी सरकार बल्कि अपने पिता स्व. बालासाहब ठाकरे की विरासत शिवसेना को बचाने का भी दबाव है। एकनाथ शिंदे खुद को असली शिवसैनिक कह रहे हैं और जानकर बता रहे हैं कि वे उद्धव से न सिर्फ सीएम कुर्सी बल्कि शिवसेना प्रमुख पद भी छीनने के मूड में हैं। महा विकास अघाड़ी ने पहले दावा किया था कि शिंदे गुट के पास सिर्फ 17 विधायकों का बल है। जबकि शिंदे की ओर से जारी वीडियो में 42 विधायकों की पुष्टि हो चुकी है। ऐसे में उद्धव ठाकरे पहले शिंदे के समक्ष शरणम गच्छामि नजर आ रहे थे। वहीं एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से बात होने और सहयोग मिलने के वादे के बाद शिंदे सहित उनके समर्थक विधायकों पर मुखर होते नजर आने लगे है।
पवार के निशाने पर शिंदे और समर्थक
अपनी महाविकास आघाड़ी सरकार को बचाने हर संभव प्रयास करने की घोषणा के बाद से ही शरद पवार के निशाने पर एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायक आ गए है। इसके लिए उन्होंने शतरंज की बिसात पर चाल भी शुरू कर दी है और इसी के चलते शिवसेना शिंदे गुट को बड़ी चोट देने पर कदम बढ़ा चुकी है। शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने कहा है कि पार्टी ने विधानसभा उपाध्यक्ष को वो सभी बागी विधायकों के बजाय करीब 12 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता प्रस्ताव भेजा है। शिवसेना आश्वस्त है कि उस पर पहले फैसला लिया जा सकता है क्योंकि, इससे पहले शिवसेना ने शिंदे को विधायक दल नेता पद से हटाने की अपील की थी, जिसे मान लिया गया था। शिवसेना ने अपनी अपील में कहा है कि व्हिप के मुताबिक, सीएम उद्धव ठाकरे की बैठक में ये विधायक नहीं पहुंचे थे।इस कदम से शिंदे गुट को बड़ा झटका देने की तैयारी में शरद पवार खुद लगे हुवे है।
अघाड़ी सरकार में मुखिया भले उद्धव हो परन्तु कमांड पवार के हाथों में ही रही
महाराष्ट्र में जबसे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी सरकार की ताजपोशी हुई है, पूरी राजनीति शरद पवार के इर्द-गिर्द घूम रही है। चाहे गठबंधन पर मंथन की बात हो या कोई दूसरा संकट हर बार महाराष्ट्र के बंजारा सरदार शरद पवार चर्चा में आ जाते हैं। शिवसेना नेता संजय राउत भी एक बार कह चुके हैं कि पवार को समझने के लिए आपको 100 जन्म लेने पड़ेंगे। एक बार फिर शरद पवार महाविकास आघाड़ी सरकार को बचाने मैदान में उतार चुके है। ऐसे में सियासी हलकों में ये भी चर्चा काफी जोर पकड़ती जा रही है कि क्या सच में शरद पवार अपने इशारों पर उद्धव ठाकरे सरकार को चला रहे थे। और इसी कारण आज शिवसेना के शिंदे समेत लगभग 80 प्रतिशत विधायक उनके और उनकी आघाड़ी सरकार के खुलकर खिलाफ हो गए है।
यह है उन 12 विधायकों के नाम
शिवसेना की ओर से एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के इशारे पर विधानसभा उपाध्यक्ष को भेजी गई अपील में एकनाथ शिंदे के अलावा भरत गोगावले, संजय शिरसाट, तानाजी सावंद, प्रकाश सुर्वे, अनिल बावर, बालाजी किन्नीकर, संदीपन भुमरे, अब्दुल सत्तार, महेश शिन्दे, यामिनी जाधव और लता सोनावने का नाम शामिल है। शिवसेना का कहना है कि इनके अलावा 18 बागी विधायकों से उनका संपर्क लगातार बना हुआ है। वे लोग मुंबई आकर शिवसेना से वापस जुड़ना चाहते हैं। एनसीपी चीफ का मानना है की उनकी पार्टी के विधानसभा उपाध्यक्ष इन्हे अयोग्य घोषित कर देंगे ऐसे में एकनाथ शिंदे गुट कमजोर होकर बिखर सकता है। और ऐसा होने पर उन्हें शिवसेना के बाकी विधायकों को साधने का मौका मिल जायेगा। क्योंकि शरद पवार खुद मीडिया से बातचीत में बागियों को परिणाम भुगतने की धमकी दे चुके है।
एकनाथ शिंदे ने पत्र लिखा
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष को शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में अपनी नियुक्ति की पुन: पुष्टि और पार्टी के मुख्य सचेतक के रूप में भरतशेत गोगावाले की नियुक्ति के संबंध में पत्र लिखा। पत्र में शिवसेना के 37 विधायकों के हस्ताक्षर हैं और पत्र की एक कॉपी डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और विधान परिषद के सचिव राजेंद्र भागवत को भेजी गई है।
एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया
शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया, "आप अयोग्यता के लिए 12 विधायकों के नाम बताकर हमें डरा नहीं सकते क्योंकि हम शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के अनुयायी हैं। हम कानून जानते हैं, इसलिए हम धमकियों पर ध्यान नहीं देते हैं।"
पवार के हाथों की कठपुतली बने नजर आ रहे उद्धव ठाकरे
ऐसे में सबसे ज्यादा दिलचस्प यह होता जा रहा है कि कल फेसबुक लाइव के दौरान खुद को कुर्सी से चिपकने वाला नही बताने और सत्ता की लालच से दूर बताते हुवे मुख्यमंत्री सहित शिवसेना अध्यक्ष का पद तक छोड़ने के नाम की इमोशनल धमकी देने वाले उद्धव ठाकरे कैसे आज शरद पवार के इशारे पर अपनी बची बचाई इज्जत भी गवाने में लगे हुए है क्योंकि जिस एनसीपी के दखलंदाजी के चलते आज उनकी पार्टी के लगभग 80 प्रतिशत विधायक सहित कई सांसद उनको छोड़ने को तैयार खड़े है। बावजूद इससे सबक लेने के उद्धव फिर उन्हीं एनसीपी सुप्रीमो के हाथों की कठपुतली बने नजर आ रहे है।